बरसात भी होगी
हरियाली भी छाएगी
कली भी खिलेगी
फूल भी मुस्कराएगे
अंधेरा भी दूर होगा
प्रकाश का भी साम्राज्य होगा
बदली भी छंटेगी
घना कोहरा भी भागेगा
पतझड़ भी जाएंगा
वसंत भी आएगा
बहार भी छाएगी
नए गीत गुनगुनाएगी
पंछी भी चहकेगे
कोयल भी कूकेगी
मयूर भी नृत्य करेगा
पत्ता पत्ता झूमेगा
हर डाली हिलोरे लेगी
वक्त आने तो दो
वक्त के पहले तो कुछ भी संभव नहीं
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