Saturday, 11 January 2020

माँ बस माँ है

माँ के हाथ का खाना
माँ के हाथ की थपकी
माँ के हाथ फिराते दुलार
माँ के सिर सहलाते हाथ
माँ के गोदी में छुपाते हाथ
माँ के हाथ की छडी
सब लगती है
बहुत प्यारी
वह निस्वार्थी है
वह भोली है
वह सब कुछ वार जाती
बच्चों की मुस्कान पर
वह देना जानती है
सुरक्षा करना जानती है
हर बुराई से बचाना चाहती है
वह चाहे कैसी भी हो
पर संतान का उससे बडा
हितकारी कोई नहीं
उसकी जगह और कोई ले ही नहीं सकता
माँ की जगह बस माँ ही ले सकती है

No comments:

Post a Comment