ना तुम गलत
न मैं सही
जाने तब बात क्या हुई
नजदीकिया क्यों दूरियों में तबदील हुई
सपने भी एक
अरमान भी एक
प्रयास भी भरपूर
फिर अचानक यह क्या हो गया
जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया
छोटी सी अनबन ने बडा रूप धर लिया
नौबत अलगाव तक आ गई
अब समय आ गया
अलविदा कहने का
एक - दूसरे से जुदा होने का
इतना आसान तो नहीं है यह
पर चारा भी तो नहीं है कुछ
कुछ बचा ही नहीं
तुम भी चुप
मैं भी चुप
तब कैसे निकले हल
रास्ता सुझता नहीं
तुम्हारे कदम बढते नहीं
बस फासला बढ रहा
क्या कोई उपाय नहीं इसका
कुछ तुम बोलो
कुछ मैं बोलूं
कुछ अपनी कमियों को देखो
कुछ मेरी कमियों को नजरअंदाज करों
संपूर्ण तो कोई नहीं इस जहां में
तब मैं और तुम भी तो इसी जहां का हिस्सा
तब यह अभिमान छोड़ो
मन की भावनाओं को अभिव्यक्ती दो
ज्यादा समय नहीं है
ऐसा न हो दे हो जाय
हम - तुम हमेशा के लिए जुदा हो जाय
न तुम गलत
न मैं सही
जाने तब बात क्या हुई
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