Thursday, 5 November 2020

तब हार क्या जीत क्या

आज मेरी जीत हुई है
फैसला मेरे पक्ष में हुआ
कई सालों से चल रहा था
यह मामला
तुम घर छोड़कर चली गई
मुझ पर झूठे इल्जाम लगाया
टार्चर का
बेवफाई का
जबकि यह तुम भी जानती हो
यह सरासर गलत है
तुम तो मेरी जान थी
तुमको पाकर मैं धन्य हो उठा था
अपने आप को भाग्यशाली समझता था
यह नहीं जानता था
ब्याह तुम्हारी मर्जी के खिलाफ था
माता-पिता के दवाब में आकर किया
पर यह तो बताओ
मेरा क्या दोष
तुम्हें प्यार करने का
तुम पर विश्वास करने का
तुम्हें दिलोजान से चाहने का
तुम्हारी जिंदगी में कोई पहले से था
पर मेरी जिंदगी की पहली पहली किरण तुम थी
तुमसे अपना घर रोशन करना चाहता था
पर हुआ कुछ और ही
तुम्हारा इल्जाम गलत निकला
मैं सही सिद्ध हुआ
पर आज से सब खत्म हो गया यार
अब तक तो किसी बहाने भले ही वह केस हो
जुड़ा तो था
आज मामला खत्म
तुम अपने रास्ते मै अपने रास्ते
तुम तो खूब खुश हुई होगी
मैं भी खुश होता क्योंकि मेरी जीत हुई
पर आज मैं जीत कर भी हार गया
तुमको खोकर सब खत्म
तब हार क्या जीत क्या

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