एक तन बेचती है
एक मजदूरी करती है
एक घर संभालती है
एक विज्ञापनो में अंग प्रदर्शन करती है
एक ऑफिस जाती है
सबकी अपनी-अपनी जीविका
घर चलाना है
बच्चों को पालना है
कोई शौक से
कोई मजबूरी से
लेकिन जरूरते तो सभी की है
पैसा सभी को चाहिए
किसी की कम किसी की ज्यादा
पर पैसे बिना कुछ नहीं होता
अब कौन सही
कौन गलत
इसका निर्णय लोग न करें
सबका अपना अपना जीवन है
जिसकी जो मर्जी वह करें
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