Saturday, 17 April 2021

प्रधान जी प्रधान जी करेंगी

आ गया पंचायत चुनाव
सरगर्मी  तेज
हर दूसरे दिन फेरी
उम्मीद वार  के साथ चलता रेला
जिंदाबाद  जिंदाबाद  के  नारे  गूंज  रहे
सब बहलाने  - फुसलाने  में  लगे
बांटा भी जा रहा खिलाया भी जा रहा
मुर्गा और शराब
यह इनके हथियार
इन्हीं  से लुभाया  जा रहा
कोई  अभी खर्च  कर रहा
कोई  आश्वासन  दे रहा
जीतने पर खर्च
जनता  का क्या है
कभी  इसके कभी उसके
आभास नहीं  होने देती
कौन किसके साथ
कौन जीतेगा
हर टोले- मोहल्ले  में  जाना
हाथ जोड़ कर भीख मांगना वोटों  की
तय करती है हार- जीत
जातियाँ और धर्म
चमरवटी , पसिअवटी , बंटोला
ठुकराना  , धरकारा 
और न जाने कौन - कौन
आज  ये हाथ जोड़  रहे हैं
कल जब जीत जाएं गे
नेता बन जाएंगे
तब जनता हाथ जोड़ेगी
आज दरवाजे पर इंतजार
कल इनके लिए  इंतजार
कब शराब  प्रभाव दिखाएं
कौन कब झुक जाएं
कह नहीं  सकते
लालच है नैतिकता नहीं
जहाँ की जनता शराब और मुर्गे में  बिक जाती हो
वहाँ  क्या अपेक्षा  की जाएं
जहाँ  व्यक्ति  नहीं  उसकी जात देखी जाती हो
फिर नेता को दोष देने से कुछ  नहीं हासिल
पहले नहीं  सोचा
बहकावे में  आ जाते हैं
बाद में  पछताने से क्या  फायदा
पांच साल तक तो वह राजा बना रहेगा
अपनी  जेब भरेंगा
दया कर कुछ टुकड़े  फेंक  देगा
अपने  ऐश करेंगा
जब तक अगला चुनाव
जनता भी भूली रहेंगी
प्रधान जी प्रधान जी करेंगी

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