तुम माता हो
ईश्वर नहीं हो
पर ईश्वर से कम भी नहीं
ईश्वर से प्रार्थना करना पडता है
माता से नहीं
वह तो स्वयं ही तत्पर रहती है
हर मुश्किल से बचाने में
चौकन्नी रहती है
जरा भी देर नहीं करती
अपनी संतान के लिए प्रतिबद्ध
किसी से भी लड सकती है
बाज जाती है ऑच नहीं आने देती
माॅ मजबूर नहीं मजबूत होती है
तब तक वह साधारण जब तक औरत
माॅ बनते ही शेरनी
इस शेरनी से पंगा लेना इतना आसान नहीं ।
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