कल कोई चला गया
इस दुनिया से रूखसत कर गया
सब कुछ अपने साथ ले गया
बस यादें छोड़ गया
जिसके साथ जैसा किया उसने वैसे याद किया
खाली हाथ आता है खाली हाथ जाता नहीं
उसकी बातें
उसका काम
उसका व्यवहार
यह सब यही रहता है
याद लोग अपने अनुभवों के आधार पर करते हैं
किसी के लिए बहुत अच्छा
किसी के लिए बुरा
किसी के लिए कोई अहमियत नहीं
जो जैसा है उसके लिए वैसा ही महसूस होगा
यह बात दिगर है कि
मरने के बाद हर इंसान की प्रशंसा की जाती है
उसके रूखसत के समय ऑखों में ऑसू आ ही जाते हैं
क्योंकि परिपूर्ण तो कोई नहीं होता
इंसान अच्छाई और बुराई का पुतला होता है
वह देवता नहीं होता यह तो सर्वविदित है
पर कभी-कभी वह इंसान भी नहीं रहता
दुखी और पीड़ित करने में उसे मजा आता है
अमरता का वरदान नहीं है उसके पास
कल क्या होगा यह भी पता नहीं
फिर भी घमंड में डूबा
अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझना
बाहुबली समझता है
वही मृत्यु के आगे हार जाता है
मृत्यु किसी की सगी नहीं होती
वह धडधडाती आती है
अपने साथ ले जाती है
व्यक्ति को तो साथ ले जाती है
पीछे यादों का पिटारा छोड़ जाती है
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