आया आया तांगेवाला आया
उसमें थे उसके दो - दो घोड़े
लाल - काले और फुर्तीले
तांगा देख मन ललचाया
मन किया आज इस पर सैर किया जाय
बैठ गए हम सब
सरपट दौड़े घोड़े
जरा रूके पीठ पर सट से चाबुक पडती
तबकब तबकब घोड़े दौडते
हम जी भर मजे उठाएं
तांगा इतना भाया
कार भी बेकार लगा
उतर तांगे से घोड़े पर हाथ फिराया
खुश हो लगा सर हिलाने
गर्दन की घंटी बजी
टन टन टन
हम भी हंस पडे
हा हा हा
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