मैं ईमानदार हूँ
रिश्वत नहीं लेता
कर्ज नहीं लेता
झूठ नहीं बोलता
बेईमानी नहीं करता
ईमानदारी से अपनी कमाई से अपना और अपने परिवार का गुजर - बसर करता हूँ
जितनी चादर उतनी ही पैर फैलाता हूँ
आज तक किसी को धोखा नहीं दिया
फिर भी सम्मानित नहीं हूँ
मेरा परिवार ही हिकारत की नजर से देखता है
पत्नी और बच्चों को शिकायत रहती है
वह मेरी तुलना औरों के पति और पिता से करते हैं
रिश्तेदारी में भी तवज्जों नहीं दी जाती
क्योंकि मैं धनवान जो नही हूँ
रुपयों को पानी की तरह नहीं उडाता
मांस - मदिरा का सेवन भी नहीं करता
सोसायटी में भी अनदेखा किया जाता हूँ
सोचता हूँ
यह किस बात की सजा है
क्या अपने जीवन जीने के ढंग की वजह से
ढोंग करना आता नहीं
जो हूँ जैसा हूँ वह हूँ
मन में एक सुकून है
जिंदगी में धोखा भले मिला हो किसी को धोखा दिया नहीं
अपनी मेहनत का खाता हूँ
सीधा - सादा जीवन जीता हूँ
डरपोक कहलाना पसंद है पर गुंडा- दादा नहीं
आज नहीं तो कल बच्चों को यह समझ ही आ जाएंगा
वे सर उठाकर चल सकते हैं
क्योंकि उनका बाप चोर , बेईमान और भ्रष्टाचारी नहीं है
एक साधारण ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है ।
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