Saturday, 9 October 2021

रिश्ता निभाना

रिश्तों को संभालकर रखों
हिसाब - किताब मत करों
तुमने क्या किया
हमने क्या किया
जोड़- घटाना मत करो
प्यार को तराजू में मत तौलो
क्या घाटा क्या मुनाफा
इस प्रपंच में मत पडो
इसे अपने मन के लाॅकर में  प्रेम और विश्वास की चाभी से सहेज कर रखो
अवसर पडने पर कभी-कभी दिखाया भी करों
अगर धूल जम गई है तो साफ कर दो
फिर धो - पोछ कर चमका दो
ये तो हीरे - मोती
सोने - चांदी से भी बहुमूल्य हैं
इनकी हिफाजत करें
गलतफहमियों और ईगो के चक्कर में  न पडे
झुकना हो तो झुक जाएं
जो अपने हैं
उनके सामने मान क्या अपमान क्या

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