प्रेम करना मानव स्वभाव है
वह किसी भी उम्र में हो सकता है
एक बार नहीं कई बार हो सकता है
मर्द कर सकता है यह
औरत नहीं
वह कुल्टा कहलाएगी
मर्द ने किया तो क्या हो गया
मन के चलते मजबूर हो गया
घर में नहीं मिला तो बाहर ढूंढ लिया
वह तो मर्द है न
वह कुछ भी कर सकता है
एक साथ कई औरत रख सकता है
इतिहास इसका साक्षी है
सदियों से होता आया है
औरत का दिल टूटता रहे
वह उपेक्षित रहें
पर परंपरा को निभाए
धर्म का पालन करें
पति को परमेश्वर माने
मानों सारे समाज के इज्जत का ठेका उसने ले रखा है
उसका मन मन नहीं
उसकी मर्जी मर्जी नहीं।
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