आज भी वही है
हम तो नहीं बदले हैं
देखने वालों का नजरिया बदल गया है
आज हर कोई परेशान है
ऊपर से तो दिखता सब ठीक-ठाक
अंदर ही अंदर कुछ अजीब सी हलचल
स्वयं को दूर रखना चाहता है झमेलो से
यह तो संभव नहीं
कीचड़ में घुसेगे तो कीचड़ लगना ही है
आग में हाथ डालोगे तो हाथ जलना ही है
भले ही वह किसी को बचाना हो
उद्देश्य अच्छा हो
फिर भी कर्म फल तो मिलना ही है
कर्म किए बिना रह भी तो नहीं सकते
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