कभी तो बोलो
मुंह भी तो खोलो
हमेशा चुप रहना ठीक नहीं
लोग समझ ही नहीं पाते
दिल में क्या है कुछ तो बताओ
कुछ इकरार करो कुछ इजहार करो
मन में लिए ही लिए ही कब चल दोगे
कौन जाने कब बुलावा आ जाए
मन की बात मन में ही रह जाएंगी
अब क्या डरना
अब क्या सोचना
कुछ दिन के मेहमान हैं सब
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