भारतीय भाषा जैसे हिन्दी,मराठी,गुजराती ,पंजाबी ,बंगाली या दक्षिण की भाषाएँ !
आज उनकी स्थिति क्या है !हम बड़े -बड़े राग अलाप रहे हैं !अपनी भाषा को बढ़ावा देना पर स्थिति एकदम विपरित है !आज हर कोई अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना चाह रहा है !दक्षिण मुंबई के हाल तो यह है कि हिंदी,मराठी,गुजराती माध्यम के स्कूल बंद हो रहे हैं ,आखिर क्यों ??
इसका कारण यह है की अंग्रेजी रोजी-रोटी से जुडी है!दसवी पास बच्चा अंग्रेजी धड़ल्ले से बोल लेता है,और उसे कहीं न कहीं काम मिल जाता है !अंगेरजी न आने से पोस्ट ग्रेजुएट व्यक्ति भी हीन भावना से ग्रसित रहता है !क्योंकि लोगों क नज़रिए में फर्क होजाता है !अत: अंग्रेजी को छोड़ तो नहीं सकते,पर अपनी स्वयं की भाषा का सम्मान करना सीखना चाहिए !क्योंकि जो अपनी माता का आदर नहीं कर सकता ,वह दूसरे की माँ का क्या आदर करेगा ??
अत: हिन्दी ,मराठी या अन्य भारतीय भाषा बोलने में शर्म नहीं बल्कि गर्व अनुभव करना चाहिए !