दूधो नहाओ पुतो फलो, पुत्रवती भव, यह आशिर्वाद सदियों से चला आरहा है।
क्यों बेटी क्यों नहीं ? लड़कियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है।
हरयाणा और पंजाब जैसे प्रान्त में बेटी तो नहीं चाहिए लेकिन बेटे के लिए दुल्हन जरूर चाहिए।
कल्पना चावला, सानिया नेहवाल जैसी बेटियो ने यही जनम लिया है।
बेटिया आज हर क्षेत्र में अपने परचम लहरा रही है।
जो माँ बच्चे जन्म देती है उसको अपने ही जनम के लिए संघर्ष करना पड़ा होगा।
यह समाज की कितनी बड़ी विडंबना है।
जीवन दायनी अगर रहेगी तो संसार में जीवन भी रहेगा।
अतः अभी से सचेत हो जाये नहीं तो इसका भयंकर दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
बेटी यह ईश्वर का दिया हुआ आशीर्वाद तथा जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी और चमत्कार है।
बेटा होना अगर भाग्य है तो बेटी होना बहुत बड़ा सौभाग्य है।
क्यों बेटी क्यों नहीं ? लड़कियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है।
हरयाणा और पंजाब जैसे प्रान्त में बेटी तो नहीं चाहिए लेकिन बेटे के लिए दुल्हन जरूर चाहिए।
कल्पना चावला, सानिया नेहवाल जैसी बेटियो ने यही जनम लिया है।
बेटिया आज हर क्षेत्र में अपने परचम लहरा रही है।
जो माँ बच्चे जन्म देती है उसको अपने ही जनम के लिए संघर्ष करना पड़ा होगा।
यह समाज की कितनी बड़ी विडंबना है।
जीवन दायनी अगर रहेगी तो संसार में जीवन भी रहेगा।
अतः अभी से सचेत हो जाये नहीं तो इसका भयंकर दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
बेटी यह ईश्वर का दिया हुआ आशीर्वाद तथा जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी और चमत्कार है।
बेटा होना अगर भाग्य है तो बेटी होना बहुत बड़ा सौभाग्य है।
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