Monday, 6 June 2016

कब आओगी बरखा रानी

बहुत हो गया इंतजार ,अब तो आओ
तपती धरती को शीतल करो
गर्मी से सब है बेहाल
तुम्हारे सिवा नहीं कुछ उपाय
क्या पेड  - पौधे ,पशु- पक्षी सब को है तुमसे आस
सब प्यासे है ,धरती चटक रही है
किसान घर छोडकर शहर आ रहे हैं
पानी की किल्लत से हर कोई परेशान
लोग मर रहे हैं
अब तो कृपा करो और झम- झम बरसो
वातावरण को हरा- भरा करो
टोनो- टोटके किए जा रहे हैं पर तुम पर कोई नहीं असर
अब तो पंखा,कूलर ,ए सी भी लग रहे हैं बेकार
कब तक तडपाओगी
अब तो आओ बरखा रानी
पपीहा पी पी कर बुला रहा है
मयूर नृत्य को छोड तुम्हें देख रहा है
गर्मी ने सबको बदहवास कर दिया है
घन बादल कब बरसेगा
जल्दी आओ ,मत तडपाओ जीवो को
स्वागत को सब तैयार है
बस तुम झम-झम बरसो

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