Friday, 18 December 2020

डाॅक्टर हो भगवान नहीं

डाॅक्टर होता है भगवान
कहते हैं
बीमार पडे तो सबसे पहले याद आता डाॅक्टर
इन्होंने यह डिग्री ही इसलिए ली है
सेवा परमोधर्म
सच में ऐसा है क्या ??
मानवता और इंसानियत ??
सब ऐसे हैं ऐसा भी नहीं
बहुतेरे बहुत अच्छे हैं
इनमें से कुछ ऐसे भी
जो घमंड में चकनाचूर
डिग्री क्या ले ली
खुद को सच में खुदा ही समझ बैठे
सीधे मुंह बात नहीं
यही नहीं उनका परिवार भी
बल्कि यह पता होना चाहिए
पैसे उन पर खर्च करती है सरकार
जो हमारे ही टैक्स से
कुछ तो कर्तव्यभान होना चाहिए
केवल पैसा कमाना
चलो ठीक है वह भी लो
घोडा घास से यारी करेंगा तो खाएंगा क्या ??
पर व्यापारी तो मत बन जाओ
वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखो
मरीज है कोई भिखारी नहीं
जो तुम्हारा हाथ जोड़े और गिडगिडाए
यह मत भूलो
तुम्हारी रोजी रोटी इन्हीं से चलती है
ग्राहक भी भगवान होता है
तुम्हीं भगवान नहीं ??
होने की जरूरत भी नहीं
बस इंसान बने रहों
मरीज की गोपनीयता यह तुम्हारे जिम्मे
यह नहीं कि मरीज की बात को चटखारे ले लेकर सुनाओ
कुछ तो डरो भगवान से भी
तुम्हारे पेशे की कदर करों
इस पेशे का चुनाव करने के पीछे मकसद क्या था
केवल पैसा या और भी कुछ
तुम्हारा तो व्यवहार इस तरह हो
मरीज की आधी बीमारी तो तुम्हें देखते ही चली जाएं
खुदा न खास्ता कभी किसी को जरूरत आ पडे
खुशी खुशी तैयार रहो
इंसानियत के साथ चिकित्सक बनों
भगवान मत बनो पर मानव बने रहों

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