कैलेन्डर बदल जाएंगा
नये प्रकाश के साथ नववर्ष का स्वागत
सूर्यदेव अपनी आभा के साथ छा गए हैं
मानो कह रहे हो
मैं तो अपना कर्म कर रहा हूँ
तुम भी अपना कर्म करो
साल बदला है हम नहीं
आज का दिन भी सोमवार
उसी से साल की शुरुआत
भोले बाबा औघड़ दानी शिवशंकर का दिन
सृष्टि और संहार दोनों के मालिक
कभी-कभी गरल भी पीना पडता है
भोले तो रहो पर शक्तिशाली भी बनो
तीसरा नेत्र तो यही सिखाता है
विज्ञान और डार्विन का सिद्धांत भी यही कहता है
Survival of the fittest
अगर संसार में रहना है
तब तो शक्ति हासिल करनी पड़ेगी
वह है कर्म से
सम्मान से रहना और जीना है तब कर्म करना है
तब चलो आज से कुछ नया संकल्प करों
कुछ विशेष बनने की कोशिश करों
दो दूना चार - चार दूना आठ
आठ का साल है
कर्म - न्याय- ईमानदारी के देवता शनिदेव का वर्ष है
तब लग जाइए अपने अपने काम में
नववर्ष की शुरुआत करें सब मंगलमय होगा ईश्वर के आशीर्वाद से
नव वर्ष मंगलमय हो
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