Saturday, 10 June 2017

असली - नकली का खेल

नकलीपन से बाजार भरा पडा है
सब्जी और फल जहरीला
पत्ता गोभी भी नकली तैयार
दूध में मिलावट तो होता ही था
अब तो पूरा दूध ही नकली
नकली चावल प्लास्टिक के
यहॉ तक कि प्लास्टिक का अंडा भी
क्या खाए - क्या न खाए
तेल- घी और मसाले में मिलावट
पूरा तंत्र मिलावटी हो गया है
इतना स्वार्थी हो गया है
कुछ पैसों के लिए
शिक्षा और डिग्री भी नकली
पास होने की तो बात छोडो
यहॉ तो टॉपर बनना है
कितना मुखवटा ओढ रखा है सबने
सामान तो नकली है ही
इंसानियत भी नकली हो गई है
हर चेहरे ने नकाब ओढ रखा है
क्या असली और क्या नकली
पहचानना मुश्किल है

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