Thursday, 8 June 2017

कब तक पीसेगा आम इंसान

देश में मचा है हाहाकार
सीमा पर मर रहा जवान
देश में मर रहा किसान
सब्जी - दूध फेका जा रहा सडको पर
आम लोग हुए है बेहाल
सरकार हो गई भरमाय
कहीं दंगे भडक गए
तो कहीं जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया
नेता भी अपनी - अपनी रोटियॉ सेक रहे.
हर कोई हो गया है मजबूर
कौन किसकी मांगे पूरी करे
सरकार मांगे पूरी करे या
फिर जलने दे ,मरने दे
मांग जायज हो या नाजायज
नकल नहीं करने दिया जाएगा तो
हडताल कर देंगे
तोड- फोड कर देंगे
कोई भी इससे अछूता नहीं.
कुछ इसी बल पर नेता बने
तो कुछ सत्ता में आए
मीडिया उनको दिखाए तो ठीक है
अन्यथा मीडिया उनकी दुश्मन है
उस पर पक्षपात का आरोप लगाया जाएगा
उनकी वाहवाही हो तो ठीक है
कुछ  भी नहीं चल रहा ठीक है
देश में मचा हाहाकार है
अपराध ,लूटपाट और बढ रहा नारी पर अत्याचार
कोई भी सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा
हर मोर्चें पर रहना है सरकार को तैयार
दिखावा नहीं काम करना है
मुंहबली नहीं बाहुबली बनना है
सबके जीवन को आसान बनाना है
सपने दिखाना नहीं सपने साकार करना है
वादे से काम नहीं वादा पूरा भी करना होगा
क्या यह कर पाएगी सरकार

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