मन भी मोबाइल जैसा
कभी कभी इसकी भी बैटरी लो हो सकती है
कुछ करने का मन नहीं करता
मोबाइल बंद पड जाता है
या बैटरी मंद हो जाय
फिर से चार्ज कर लेते हैं
बाहर - भीतर फूकफाक कर लेते
मन भी बोझिल हो जाता
काम से थक जाता
तब इसे विराम दे
घूमने निकल जाय
नया सोचे
लोगों से जुड़े
बतियाये ,हंसे ,गाये
नये सिरे से सोचे
जीवन मे स्फूर्ति भरे
चार्ज होना जरुरी है
मशीन गर्म हो जाती
फिर यह शरीर तो रात -दिन कार्यरत रहता है
मन तो सपने मे भी दौडता है
और यह ताउम्र चलता है
तो इसे भी विश्राम दे
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 30 April 2018
मन की बैटरी भी चार्ज करें
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment