Saturday, 9 June 2018

टेलीविजन आया और छाया

कब टेलीविजन हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया
चुपके से आया और छा गया
अब तो घर भी सूना -सूना इसके बिना
एक समय था जब यह जादू का डिब्बा आया
तब कुछ लोगो तक सीमित था
तब वह ब्लैक -व्हाइट हुआ करता था
इसके बाद कलर वाला आया
तब तक ब्लैक /व्हाइट वाला हर घर तक पहुंच चुका था
हम लोग    - सीरियल से तो यह हर.सदस्य का प्यारा
छायागीत तो छा जाता
रविवार की फिल्म का इंतजार रहता
फूल खिले है गुलशन गुलशन की तबस्सुम
सुरभि की रेणुका शहाणे
श्रीमान श्रीमती , देख भाई देख
रामायण -महाभारत तो जैसे साक्षात ईश्वर के दर्शन
सड़कें सूनी पड़.जाया करती थी
सलमा का समाचार,दूरदर्शन के पोग्राम
अब तो नये नये चैनलों की भरमार
टेलीविजन का बदलता रुप
हमारी जिंदगी मे घर कर गया
अब तो एक पल भी चैन नहीं
केबल चला गया तो लोग.बेचैन
गृहिणी का दोपहर का टाइम पास
बुजुर्गों का साथी
बच्चों का मनोरंजन का जरिया
राजनीति की दिलचस्पी वालों के लिए समाचार
शहर से लेकर गांव तक
बंगले से लेकर झोपड़ी तक
बस और ट्रेन मे भी
आज यह इडियट बाँक्स
सबको नचा रहा
और अपना परचम फहरा रहा

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