फलों के राजा पधारे हैं
धीरे धीरे उनका आगमन हो रहा है
अभी अभी तो बाजार मे उतरे हैं
इसलिए आम लोग की पहुंच से बाहर है
आम
नये नये हैं
इसलिए खास है
बहुत मंहगे हैं
जैसे ही तादाद बढ़ेगी
तब सब तक पहुंच जाएंगे
इनका इंतजार तो सबको रहता
क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान
सबके मनभावन
खूब स्वादिष्ट
हापुस ,लंगड़ा ,तोतापुरी जैसे
बहुत से प्रकार इनके
पर सभी लाजवाब
यह है तो फलों का राजा
तभी तो जन -जन को प्यारा
इसका पीला रंग
मीठी मीठी खुशबू
सबका मन मोह लेती
कोई इससे दूर नहीं रह पाता
पधारता है साल मे एक बार
सबको अपने रंग मे रंग जाता
सब इसे खाने को बेताब
चखने को तैयार
कीमत चुकाने को राजी
नहीं इसका कोई जोड़
यह है फलों का राजा आम
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 12 April 2019
आम आए हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment