Tuesday, 11 June 2019

डॉ पायल तडवी

यह घटना पायल डॉ पायल तडवी की ही नहीं
हर पग पग पर घट रही है
कहीं उच्च कहा जाने वाला वर्ग प्रताड़ित
कहीं निम्न कहा जाने वाला
हाँ फर्क इतना है कि
कौन बहुसंख्यक है
जाति हो
धर्म हो
समुदाय हो
जडे मजबूत जमी हुई है
हर कोई अपने को सही और बडा सिद्ध करने की कोशिश
हमारे समाज का ढांचा ही ऐसा
सोच में जब तक बदलाव नहीं आएगा
दूसरे को कम आंकने की प्रवृत्ति
धर्म के मामले में भी यही बात
हम ठाकुर या चमार पहले हैं
हिंदू और क्रिश्चियन पहले हैं
इंसान बाद में
जब तक ऐसा रहेगा
तब तक पायल जैसी प्रतिभा
अपनी जीवन लीला खत्म करती रहेगी

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