Saturday, 12 December 2020

एकला चलो रे

मेरा क्या है ??
घर , संपत्ति , बच्चे , रिश्ते
हाँ यह सब जरूरी है
जीने के लिए
एक सहारा
अकेले का डर हमेशा
तभी सबका साथ
सुरक्षा का एहसास
कल को कुछ हुआ तो ??
हम पडोसी से , रिश्तेदारो से सबसे संबंध बनाए रखते हैं

समय के साथ यह भी छूटता जाता है
बदलता रहता है
पुराने छूट जाते हैं
नई पीढ़ी आ जाती है
हमारे स्वयं के बच्चे भी कहीं घर से दूर चले जाते हैं
हम अकेले ही रह जाते हैं

सबके साथ रहना
उनके बगैर भी रहना
यह तो स्वीकारना पडेगा
स्वाभाविक है
कभी साथ लेकर चले
कारंवा बनता गया
समय समय के साथ छूटता भी गया
आज फिर
एकला चलो रे
आए अकेले जाना अकेला
दुनिया के मेले यही रह जाना

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