Saturday, 2 January 2021

सपनों का संसार

बंद ऑखों से सपने देखे थे
गहरी नींद में सपने देखे थे
तभी तो सब बिसरा दिया
सपने देखना कोई गुनाह नहीं
देखना ही चाहिए
बडे बडे सपने संजोए रखना चाहिए
सपने न देखे तब बिना सपनों के जीवन कैसा ??
हाॅ पर सपने खुली आँखों से देखें
चैतन्यावस्था मे देखें
भूलने - बिसराने के लिए नहीं
साकार करने के लिए
कोशिश और प्रयास हर संभव
जितना ऊंचा देख सकें
देखना ही है
सपनों के संसार में जम कर गोते लगाना है
डूबना - उतराना है
डूबे तो डूबे
डूब कर फिर उतरे
यह तो होना ही है
सपनों बिना जीवन ही सूना
सपने न देखे तब बिना तब बिना सपनों के जीवन कैसा ??

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