Friday, 1 January 2021

जो गुजर गया वो गुजर गया

चलो एक साल और गुजर गया
बहुत कुछ कह गया
बहुत कुछ छोड़ गया
बहुत कुछ सिखा गया
जो कभी नहीं किया
वह भी करा दिया
उम्मीद दिलाते जा रहा है
अब आगे सब कुछ अच्छा होगा
सब एक समान नहीं होता
कभी-कभी काल भारी होता है
यह वैसा ही काल रहा
काल की बात कल की हो गई
अब आने वाला है जो
उसकी बात हो
नई आशा पदार्पण कर रही है
सूरज तो रोज ही ऊंगता है
समय से ही सबेरा भी होता है
तब भी कुछ ऊंघते रहते हैं
अब सो लिए बहुत
उठ जाया जाएं
जोश से उठ जाया जाएं
चलो जो गुजर गया वह गया
आ रहा है उसे आने दो पूरे जोश खरोश के साथ

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