Tuesday, 9 November 2021

अगर तुम होते तो

त्योहार आते हैं खुशी लेकर
रोना निषेध है इस दिन
माहौल खराब हो जाएंगा
खुश होने और खुशी बाँटने का दिन है
त्योहारों के बहाने ही सही
रिश्ते घर पर आते हैं
उसी बहाने मिलना - जुलना होता है
यह तो एक पहलू है
लेकिन एक और कसक भी रह जाती है
अपने जो छूट गए
हमसे दूर चले गए
दूसरी दुनिया में विचरण करने
वह बहुत याद आते हैं
हम हंसते जरूर हैं
पर ऑखों के कोरो में ऑसू झिलमिलाते हैं
कहीं निकल न जाए
इसलिए जबरन छुपाते हैं
हमारे वह अपने जो
कहीं से हमें देख रहे हो तो
महसूस कर सकते हैं
हम आज भी उन्हें याद करते हैं
सालों गुजर गए
पर जेहन में आज भी उनकी याद ताजा है
हर अवसर पर याद आते हैं
खुशी और त्यौहारों का मौसम हो तो और भी
शायद वे होते तो
खुशियाँ न जाने और कौन से रूप में होती

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