Wednesday, 27 August 2014

यह है मुंबई मेरी जान ....

रंक से राजा बनाने वाली , फर्श से अर्श तक पहुँचाने वाली 
हर किसीको मौका देने वाली , सबको अपने में समाहित करने वाली 
यह है मुंबई मेरी जान , उसी मुंबई को यह क्या होगया है। 

औरतों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाने वाला शहर उसी मुंबई को यह क्या होगया है ?
अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहे है। 

कहा जाता है.… जो मुंबई में रह गया उसे दुनिया का कोई शहर रास नहीं आता। 
हमें अपनी वही प्यारी , स्वच्छ , स्वतंत्र कर्मठ और अपराध मुक्त मुंबई पहले जैसी चाहिए। 

मुंबई की संस्कृति विकास करने की है , अपराध करने की नहीं !!!


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