रंक से राजा बनाने वाली , फर्श से अर्श तक पहुँचाने वाली
हर किसीको मौका देने वाली , सबको अपने में समाहित करने वाली
यह है मुंबई मेरी जान , उसी मुंबई को यह क्या होगया है।
औरतों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाने वाला शहर उसी मुंबई को यह क्या होगया है ?
अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहे है।
कहा जाता है.… जो मुंबई में रह गया उसे दुनिया का कोई शहर रास नहीं आता।
हमें अपनी वही प्यारी , स्वच्छ , स्वतंत्र कर्मठ और अपराध मुक्त मुंबई पहले जैसी चाहिए।
मुंबई की संस्कृति विकास करने की है , अपराध करने की नहीं !!!
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