Monday, 5 January 2015

दलित - यादव राजनीति से ऊपर उठा जाए।

मायावती ने भारत रत्न पुरस्कार देने में सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है। भारत रत्न जाती और धर्म की सीमाओं से परे है। मालवीय जी और वाजपेयी जन्म से ब्रामण तो है लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता।

" तिलक, तराजू और तलवार, इनको जूते मारो चार " की अतीत में बात करनेवाली बसपा को दलित राजनीति और जातिगत से ऊपर उठना चाहिए।

भारत को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला उत्तरप्रदेश जाती और धर्म की बिसात की चाल चल रहा है।  यह उचित नहीं है, वह चाहे यादव हो, दलित हो या फिर ब्रामण हो।

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