एक छात्र को केवल इसीलिए नौकरी से इंकार किया गया क्यूंकि वो मुस्लिम है
बादमे कंपनी ने संज्ञान लेते हुए करवाई की,लेकिन ये केवल एक घटना नहीं है
भाषा,वर्ग,प्रान्त,खानपान के आधार पर भेदभाव होता है
ये केवल एक समुदाय के साथ नहीं या माइनॉरिटी-मेजोरिटी के आधार पर नहीं
बल्कि दूसरे से स्वयं को श्रेष्ठ समझने की भावना
योग्यता या स्वाभाव नहीं,भाषा,प्रान्त,धर्म के आधार पर लोगो को मापा जाता है
मुंबई जैसे कोस्मोपॉलीटीएन शहर में भी मुस्लिम,ईसाई,जैन,पारसी,मारवाड़ी,पंजाबी,मद्रासी
इत्यादि आधार पर निवासस्थान बटे हुए है यहाँ तक की सिक्षणक्षेत्र और हस्पताल की भी है
यह अनपढ़ नहीं बल्कि पढ़े-लिखे लोगो में तो और भी दिखाई देता है
हिंदुस्तान हमारा सबका है बिना भेदभाव के एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान हो
जाती-वर्ग,प्रान्त-भाषा की सीमा तोड़े लोग तभी होगा देश का विकास।
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