Tuesday, 1 September 2015

कर्मयोगी दशरथ मॉझी

दशरथ मॉझी पर बनी फिल्म आजकल चर्चा मे है एक व्यक्ति ने बाईस साल तक एक पहाड काटकर रास्ता बनाया क्योकि उसकी पत्नी डॉक्टरी सुविधा समय पर न मिलने के कारण मौत का ग्रास बन गई
एक बादशाह जिसने ताजमहल बनवाया जो न केवल दर्शनीय है तो दूसरे इस गरीब पति ने तो समाज के लिए पत्थर तोड कर रास्ता तैयार किया इसे कर्मयोगी कहेगे
कवि पंत जी ने लिखा है ताजमहल पर
हाय ़ मृत्यु का ऐसा अमर अपार्थिव पूजन
लेकिन इस गरीब शाहजहॉ ने किसी मकबरे को सुंदर नही बल्कि लोगो का जीवन सुखमय हो
इसके लिए स्वंय हथौडा चलाते रहे
खून -पसीना बहाते रहे  
सरकार ने फिल्म को टेक्स फ्री किया वह ठीक है
लेकिन वह भारत के ऐसे गॉवो की समस्या को नजर अंदाज न करे
पता नही कितने गॉवो का हाल दशरथ मॉझी के गॉव जैसा है
हम भगवान भरोसे क्यो बैठे रहे क्या पता भगवान हमारे भरोसे हो
कर बहियॉ बल आपनी छोड पराई आस
कमाल के मॉझी जो दूसरा ईतिहास मे ढूडे नही मिलेगा

No comments:

Post a Comment