आजकल एक विवाद ने जोर पकड लिया है और वह है भारत माता के जय के संदर्भ में
मुझे याद है कि बचपन में जब कोई मुझे पैर पडने के लिए कहता था तो मुझे अच्छा नहीं लगता था पर यह बात नहीं थी कि सम्मान की भावना नहीं थी
विवाह होने के बाद ससुराल में जबरदस्ती मन मारकर बडो का पैर पडने का काम करना पडता था
वह मैं अनिच्छा से करती थी ,अपने माता - पिता का तो मैंने कभी पडा नहीं पर उनके समान दुनियॉ में कोई नहीं मेरे लिए
तो यह कुछ ऐसी चीजें जिन्हें सम्मान और असम्मान की दृष्टि से देखा जाना उचित नहीं है
अगर एक समुदाय के कुछ लोग भारत माता की जय नहीं बोलना चाहते तो केवल इसी कारण उनकी राष्ट्र भक्ति पर संदेह किया जाय
यह हमारी इच्छा है किसी पर थोपने की जरूरत नहीं है
जावेद अख्तर का कहना कि यह मेरा केवल कर्तव्य ही नहीं अधिकार भी है ठीक है
पर कुछ ऐसा नहीं मानते
शकुन्तला और दुष्यन्त के पुत्र भरत के नाम पर भारत नाम पडा है हमारे देश का
हिन्दूस्तान या जयहिंद अगर बोला जाय और भारतमाता की जय न बोला जाय उससे क्या फर्क पडता है
टी वी चैनलो पर आजकल यह विषय चर्चा का बना हुआ है और एक - दो लोग जय न बोलने पर लोगों के गुस्से के शिकार भी हुए हैं
इतनी सारी समस्या है देश के समक्ष और उसको छोडकर इस बात के पीछे लोग पडे हैं
डॉ नारंग की हत्या एक छोटी सी बात से हो जाती है पर किसी का मुँह नहीं खुलता
और जहॉ माहौल बिगाडना हो तो घटना को बढा- चढा कर और समस्या खडी कर दी जाती है
किसी को देश छोडने की सलाह देने वाले दूसरे कौन होते है?
अपने - अपने गिरेबान में झॉककर देखे तो पता चलेगा कौन कितना बडा देशभक्त है
भ्रष्टाचार कर देश को लूटते रहे और अपने आप को देशभक्त बताते रहे
देश में आंतक का साम्राज्य फैलाए और एक - दूसरे को लडाए और देशभक्त बने रहे
यह बात तो नफरत फैलाने वाली है इसका आने वाली नस्लों पर बुरा प्रभाव पडेगा और उनको संदेह से देखा जाएगा
अगर कोई नहीं चाहता तो मत बोले पर जबरदस्ती करना उचित नहीं है
बात कोई बडी नहीं है पर अगर कोई जिद पर अडा है कि नहीं बोलेंगे जय तो जाने दे
सौहाद्र की भावना बनाये रखना सबका कर्तव्य है
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Thursday, 31 March 2016
भारत माता की जय पर विवाद क्यों?
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