टोपी के रंग निराले ,काली ,पीली ,नीली
सुनहरी रेशमी ,ऊनी ,देशी ,विदेशी
धूप ,मिट्टी से बचाती ,सुदंरता में चार चॉद लगाती
इस टोपी ने न जाने कितने गुल खिलाए
क्रांति की जोत जलाई ,बन गई गॉधी टोपी.
नेताओं की पहचान बनी
अलग- अलग रंगों में पार्टियों की पहचान बनी
और तो और सबसे बडा किया कमाल
आम आदमी की टोपी पहन आ गए केजरीवाल
जनता को पहनाई टोपी ,बन बैठे दिल्ली के शंहशाह
दिल्ली की जनता हो गई गुमराह
आम आदमी की टोपी बन गई जी का जंजाल
कब मौका मिले कब निकालकर फेंके
पर करना है पॉच साल इंतजार
हर जगह मचा हाहाकार
दिल्ली कर रही गुहार
कहॉ है केजरीवाल
बचपन में टोपीवाला और बंदर की कहानी थी पढी
किस तरह बंदरों ने टोपियॉ पहनी और निकाली
केजरीवाल ने जनता को पहना तो दी है टोपियॉ
अब तो बारी अगले चुनाव की
कौन किसको पहनाता है टोपियॉ
दिल्ली से पहले है पंजाब की बारी
फैसला तो करना है जनता को
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Saturday, 6 August 2016
आम आदमी की टोपी
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