Sunday, 21 August 2016

बेटी शान तो बेटा सम्मान

बेटियों ने किया कमाल
चारों तरफ हो रही उनकी जय- जयकार
दिलाया सम्मान देश को
रखी आन देश की
यह सब तो ठीक है
पर सीमा पर शहीद हो रहे बेटों को भी कर लो याद
दिन- रात एक कर देने वाला
घर का बोझ उठाने वाला
बहन को रक्षा का वचन देने वाला
पत्नी को सम्मान और आराम के लिए रात- दिन एक
मॉ की इच्छा को पूरी करने वाला
बेटियॉ तो गई ससुराल
बेटा बना कर्णधार
जी तोड मेहनत करना ,घर को चलाना
बच्चों की परवरिश के लिए जान लगा देना
पैरों में ताकत न हो तो भी लडखडाते बोझ उठाना
सबकी आशा- अपेक्षा को पूरी करनेवाला
खुद को मेहनत की भट्टी में झोक देना
दुख पर भी ऑसू को छिपाए रखना
मन ही मन टूटना पर सबको दिलासा देना
सारे परिवार का भार उठाना फिर भी उफ न करना
यह सब भी करता है बेटा
बेटी घर की इज्जत है पर उसको संभालना
जिम्मेदारी है बेटों की
कितने लालों ने अपनी जान गवाई भारत माता की शान में
कुछ ख्याल उनका भी कर लो
बेटी को बढावा दो पर उन पर भी कर लो अभिमान
कुलदीपक है वह .
घर का तारणहार है वह
सृष्टि को चलाने वाला है वह
वह बेटा है ,बहुमूल्य है
करो सम्मान दोनों का
बेटी हो या बेटा
दोनों का सम्मान तभी समाज का विकास

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