Sunday, 9 October 2016

युद्ध -ईश्वर , अल्ला तेरो नाम ,सबको सम्मति दे भगवान

पानी और खून साथ- साथ नहीं बह सकते
यह बात सही है
पर खून और पानी दोनों का ही महत्तव है
दोनों एक ,दूसरे पर आधारित है
हॉ खून को पानी की तरह न बहाए
यह याद रखना जरूरी है
हर जीवन अमूल्य है
इस पार का हो या इस पार का
इसके पहले भी युद्ध हो चुके हैं
युद्ध का परिणाम
किसी की हार तो किसी की जीत
साथ में और बहुत कुछ छोड जाता.
मासूमों का अनाथ होना
मॉ की गोदी सूनी होना
औरतों का विधवा होना
बुढापे का निराश्रय होना
न जाने कितने घर का बर्बाद होना
सबसे बडी हानि एक अमूल्य जीवन की क्षति
उसके बाद.ंंंंंं
शॉति और शॉति का प्रयास
वार्ता पर वार्ता
मुलाकात पर मुलाकात
खेल और कलाकारों के माध्यम से प्रयास
यह फिर पहले ही क्यों न किया जाय
युद्ध की ओर बढा ही न जाय.
युद्ध हो ही नहीं
शॉति ,सौहाद्र ,विश्व के हर कोने में फैले
जीवन का उद्देश्य
विकास हो न कि विनाश
ईश्वर की इस सुंदर सृष्टि का सम्मान करे.
     ईश्वर ,अल्ला तेरो नाम
    सबको सम्मति दे भगवान

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