Tuesday, 1 November 2016

मेरा भैया है अनमोल , हैपी भय्या दूज

विधाता की अमूल्य देन है मॉ
संतान पर जान न्योछावर करने वाली
मॉ के बाद अगर कोई दूसरी है तो वह है बहन
यह मॉ का संतान को उपहार है प्रेम का
शायद विधाता ने भी यही सोचा होगा
मॉ तो हमेशा नहीं रहेगी
पर अपने पीछे वह ऐसी शख्सियत छोड जाती है
जिसका कोई सानी नहीं
निस्वार्थ प्रेम करने वाली बहन
साथ निभाने वाली सहोदर बहन
डाटने वाली ,शिकायत करने वाली
अपने भैया को सबसे नायाब समझने वाली
कोई भी बहन अपने भाई का बुरा नहीं चाहेगी
घर की रौनक होती है बहन
वह घर सूना है जहॉ भाई  - बहन की नोक - झोक न हो
हमेशा उस पर नकेल कसने वाली
उसके उठने- बैठने ,सोने- जागने और घूमने से लेकर हर हरकत पर नजर रखने वाली
बिना किसी हिचक से भाई का पक्ष लेने को तत्पर
    बहना का भाई से रिश्ता
   नहीं ले सकता दूजा
    अनमोल है हर बहन के लिए
    उसका भाई
    यह मजबूत जोड है प्रेम का
    नहीं किसी में इतनी ताकत
    जो सके उसको तोड
    बहन बोझ नहीं
    बहन भी है अनमोल
करे हिफाजत बहन की
हर भाई का कर्तव्य
हर भाई रहे सलामत
बहनों की है यही दुआ
          हैपी भय्यादूज

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