Monday, 7 November 2016

पाठशाला जाना बच्चों का मौलिक अधिकार

आओ बच्चों तुम्हें दिखाए ,झॉकी हिन्दूस्तान की
गरिबी ,बेकारी और भूखमरी की
भ्रष्टाचार के दानव से
नेताओं के आपसी झगडे की
अस्वच्छता के और पडी हुई गंदगी के ढेर से
बढते हुए प्रदूषण के साये से
वातावरण में छायी विषैली हवा से
इतना प्रदूषण कि
दिल्ली की पाठशालाएँ कुछ दिनों के लिए बंद
कश्मीर में इतना तनाव
कि महीनों से पाठशालाएं बंद
इसका जिम्मेदार कौन ???
बच्चे पाठशाला न जाय
पढाई न  करें
फिर विकास कैसे होगा
बच्चे देश का भविष्य
शिक्षा उनका मौलिक अधिकार
और उनसे वंचित रखना
यह सरासर अन्याय है
भविष्य के साथ खिलवाड है
प्रदूषण के साये में
तो कही गोली - बंदूक के साये में
पर इन सबके जिम्मेदार यह बच्चे नहीं
   तो फिर कौन ????
यह बडी समस्या है
इसके कारणों को ढूढ कर निदान करना है
नहीं तो आज दिल्ली है
तो कल मुंबई की बारी है
उसके अगले किसी और की बारी
और अलगाववादियों पर भी नकेल कसनी है
जन्नत को दोजख बनाने वालों को किसी भी हाल नें बख्शना नहीं चाहिए
बच्चे राष्ट्र की संपत्ति है
और इस बहुमूल्य संपत्ति के मार्ग में आने वाले हर रोडे को हटाना जरूरी है

No comments:

Post a Comment