Friday, 4 November 2016

ईश्वर तेरी कृपा अपंरम्पार

जो मिला है ,बहुत कुछ मिला है
जो नहीं मिला उसका भी कोई कारण होगा
हर सुबह अच्छी हो
हर रात शॉति की नींद आए
भर पेट भोजन मिले
अपनों का साथ हो
आपस में प्यार हो
सुख- शॉति और संतोष हो
बस इससे ज्यादा क्या चाहिए
खाली हाथ आए ,खाली हाथ ही जाना
रोते हुए आए ,रूलाते हुए जाए
हम और मैं को तज
सब हरि पर छोड
जब उसका ही असतित्व
तब हमारा क्या???
हम तो निर्बल,असहाय
समय के हाथों मजबूर
हर क्षण चिंता में ,न जाने कल क्या होगा
कल को बिना देखे.
तो फिर सब हरि पर छोड निश्चिंत हो जाय
ईश्वर है तो फिक्र क्यों
हम चिंता कर सकते हैं
पर उसको दूर करना हमारे बस में नहीं
हारी- बीमारी ,जीवन- मृत्यु सब लिखा है
ऊपर वाले की कलम ने भाग्य लिख कर ही भेजा है
हम बेकार में हाय- हाय करते हैं
इससे अच्छा तो राम- राम करें
और सब राम जी पर छोड दे
सब कुछ उनकी कृपा से ही होगा

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