Tuesday, 8 November 2016

नहीं रही जयवंती बेन मेहता

जनसंघ के कार्यकर्ता से से लेकर वाजपेयी सरकार में उर्जा राज्यमंत्री तक के पद तक पहुँचने वाली महिला
यह ७०-८० के दशक की बात है जब दक्षिण मुंबई के उम्मीदवार जयवंती बेन मेहता और कांग्रेस के उम्मीदवार  मुरली देवडा एक- दूसरे के प्रतिद्ंवदी होते थे और दोनों ही शालीन
तब जनसंघ एक अलग पार्टी थी
आज की युती नहीं शिवसेना और भाजपा की
चुनाव चिन्ह दिया (दिपक) था
सीधे पल्लू की गजराती ढंग से पहनी साडी में एक मध्यमनर्गीय महिला घर- घर जाकर हाथ जोडकर वोट मॉगती देखी जाती थी
वह महिला थी जयवंतीबेन मेहता गिरगॉव का तब का इलाका गुजराती- मराठी बहुल था
वे संघर्ष कर रही थी और आखिरकार अपना वर्चस्व भी स्थापित किया
महिलाओं में लोकप्रिय थी क्योंकि उनकी पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास किया
आज भी गिरगॉव की चालीवालों के लिए उनका नाम अपरिचित नहीं है
एक निष्ठावान कार्यकर्ता और समर्पित पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में उन्हें याद किया जाएगा
एक महिला नेता और जुझारू व्यक्तित्व
बहुत कम मिलेगा

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