आज महाराष्ट्र का किसाान सडकों पर उतरा है
अन्नदाता अपनी ही उपज को सडकों पर फेक रहा है
जिसने इतनी मेहनत और लगन से उसे पैदा किया था
अन्न का अपमान नही करना
अन्न को नाली मेंनही बहाना
घर बुहारते समय भी एक- एक दाने को चुनकर रखना
दूध तो गो - रस है ,कटोरी को भी पानी से खंगारकर पी जाना
वही आज सडकों पर सैकडो लीटर दूध बहा रहा है
क्यों इतना नुकसान कर रहा है???
इतना आक्रोश ़़़़़
क्या यह सही है
आंदोलन करना ठीक है पर इस तरह से
जहॉ लोग भूख से मर रहे हो
बच्चे दूध के लिए तरस रहे हो
इस तरह तो अपना ही नुकसान हो रहा है
कर्जमाफी के लिए ऐसा आंदोलन
क्यों अपना नुकसान कर रहा है
कभी अपनी जान देकर ,आत्महत्या कर
कभी अपनी मेहनत को सडकों पर फेककर
बरसात - आंधी के थपेडो का सामना करने वाला
ठंडी और गर्मी की तपन सहनेवाला
मौसम की मार झेलनेवाला
प्रकृति के हर कहर को बर्दाश्त करने वाला
इतना असहनशील कैसे हो गया ???
सरकार को भी इनकी समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाना होगा
निर्माण करने वाला ही विनाश करे
यह अच्छा संकेत नही है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 2 June 2017
किसान और इतना आक्रोश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment