Monday, 5 June 2017

घरती मॉ - सबकी मॉ

मैं मॉ हूँ ,सभी की मॉ
मुझे सरहदों में बट बॉटो
मॉ के लिए तो हर बच्चा प्यारा होता है
सबको मैं उतना ही चाहती हूँ
छोटा हो या बडा
कमजोर हो या शक्तिशाली
पर आज मेरा सीना छलनी हो रहा है
बम बनाने की होड मच गई है
वायु दूषित हो रही है
विकास करते समय वह सबको प्रदूषित कर रहा है
मुझे सॉस लेना मुश्किल हो गया है
धुऑ - धक्कड ,जहॉ देखो वहॉ
मेरे और बच्चों को भी नुकसान पहुँचाया जा रहा है
जीव हत्या और पेडों का हनन
नदी में गंदगी और समुंदर को पाटना
मैं तो घुट रही हूं
सॉस लेना मुश्किल हो रहा है
अब तो सचेतो मानव
मेरी सॉस है तभी तक तुम भी हो
सॉस अभी बाकी है तो आस भी है
मेरे बच्चे अब तो चेत जाएगे
मेरा ध्यान रखेगे
मुझे प्रदुषण मुक्त करेगे
और मैं उन पर अपने आशिर्वाद की बौछार करूंगी
उन पर कभी ऑच न आने दूंगी

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