Thursday, 22 June 2017

टिमटिम करते तारे

टिमटिम करते तारे
कितने अच्छे कितने प्यारे
सबको भाते प्यारे तारे
चंदामामा का साथ निभाते
अंबर की शान बढाते
कभी चमकते कभी बादल में छिप जाते
कभी ऑखों से ओझल होते
तो कभी टूटकर गिरते
है तो छोटे पर अंबर को चमकाते
टिमटिम कर उसकी रौनक बढाते
हँसते - खिलखिलाते और डोलते
इधर- उधर विचरण करते
अंबर की सुंदरता में चार चॉद लगाते
यह न हो तो सूना पड जाएगा अंबर
चंदा मामा भी हो जाएगे अकेले
किस पर लाड जताएगे
किसके संग विचरण करेगे
तारे तो है सबके दूलारे
टूटकर भी ईच्छा पूरी करने को होते तत्पर
चमकता तो भाता ही
टूटते की भी प्रतीक्षा
इतनी खुशी देता है
इसलिए तो सबका प्यारा
सारे जग का दूलारा कहलाता

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