Saturday, 1 July 2017

हाथ में आए हुए अवसर को जाने नहीं देना है

एक तालाब था वहॉ दो व्यक्ति कटियॉ लेकर मछली फंसा रहे थे
एक व्यक्ति बुजुर्ग एवं अनुभवी थे
दूसरा नवयुवक
बुजुर्ग के कटियॉ में जो भी मछली फंसती
चाहे वह छोटी हो या बडी
वह उसे निकालकर अपने बर्फ की टोकरी में रख लेते
नवयुवक छोटी मछली को छोड देता
और बडी की प्रतीक्षा करता
उस व्यक्ति ने पूछा
ऐसा क्यों कर रहे हो
युवक का उत्तर था
मुझे छोटी नहीं बडी चाहिए
पर इसके लिए छोटे को छोड देना
यह तो ठीक नहीं
वह भी तुम्हारी आवश्यकता पूरी कर सकती है
कभी- कभी हम हाथ में आए अवसर को गंवा देते हैं
बाद में पछताते हैं
छोटे से ही शुरूवात तो करनी है
बडे के चक्कर में छोटा से भी वंचित रह जाए
अवसर बार- बार नहीं मिलते
बाद में ऐसा न हो कि पछताते रह जाय
और कहे
माया मिली न राम

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