Saturday, 26 May 2018

हवा -हवाई

हवा चल रही है हौले -हौले
मन झूम रहा है धौले -धौले
कौवा बोल रहा है काव - काव
बिल्ली बोल रही है म्याऊँ -म्याऊँ
कुत्ता भौक रहा है भाव-भाव
पेड़ बोल रहा है सर्र -सर्र
नदी बोल रही है हर्र-हर्र
सब झूम रहे
नाच -गा रहे  हवा की ताल पर
हवा आई सबके मन को भाई
सबकी बोली लगती प्यारी
जब चलती हवा - हवाई
आती -जाती सबके मन को भाती
इठलाती फिरती
पर किसी के हाथ न आती
अभी यहाँ दूसरे क्षण वहाँ
सबको तरसाती
गरमी से निजात दिलाती
ठंड मे कप -कप कपवाती
बरखा मे रिमझिम बूंदें बरसवाती
वसंत मे वातावरण महकाती
जब भी आती
राहत की साँस आती
कभी -कभी तो बहुत तड़पाती
तो कभी सुकून दे जाती
हौले -हौले अंगों को सहलाती
हँसती और खिलखिलाती आती
और फुर्र से उड़ जाती
पेडों पर चढ़ मुस्काती
वही से सबको हाथ हिलाती

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