रावण सीता को हर ले गया
यह उनको शोभा नहीं दिया
परिणाम पूरे खानदान का विनाश
जिद थी
बहन के अपमान का बदला लेना था
एक का अपमान
दूसरे का हरण
सीता को अशोक वन में रखा
पूरी सुरक्षा के साथ
पर उनको हाथ नहीं लगाया
अबला 'अकेली औरत पर सम्मान बरकरार
रावण को हम राक्षस की संज्ञा देते हैं
पर आज तो रावण की प्रंशसा करनी पड़ेगी
सीता सुरक्षित थीं
त्रिजटा उनकी पहरेदारी कर रही थीं
आज तो न जाने लोग कितने मुखौटे ओढे है
मन मे कुछ ,अंदर कुछ
विश्वास की धज्जियां उड़ाते हुए
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Thursday, 28 June 2018
सुरिक्षत क्यों नहीं??
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