Thursday, 30 August 2018

दर्द का दर्द

दर्द का भी दर्द होता है
किसे बताए किसे न बताए
किससे छुपाए किससे उजागर करे
किस पर विश्वास किस पर अविश्वास
सबके सामने तो दिल खोलकर रो नहीं सकते
हर किसी को अपना दर्द बयां नहीं किया जा सकता
क्या पता दर्द का मजाक बना दिया जाय
दूसरे के दर्द को समझना सबके बस की बात नहीं
हाँ रायता फैलाने वालों की कमी नहीं
बात को बढ़ा चढ़ा कर बताना
यह आदत मे शुमार होता है
चटखारे लेने वालों की भी कमी नहीं
क्या सोचकर बताया
क्या हो गया
पछतावा हो कि मैंने क्यों विश्वास किया
आपकी विवशता और मजबूरी आपकी है
उस दर्द का भागीदार किसी को भी न बनाए
याद रखें
नमक तो हर घर मे होता है
पर मरहम नहीं
दर्द का दर्द यह है कि
मरहम लगाने वाले कम ही है
नमक मिर्च लगाने वाले बहुत
दर्द को भी ऐसे लोगों से संभालना है
दर्द भी हमारा
दवा भी हम ही लगाएंगे
उसे भरे बाजार मे बेचना नहीं
दर्द की कीमत वहीं जाने
जो उससे गुजरा हो
दुखडा सभी से न रोए
दर्द मे भी कुछ बात है
बहुत कुछ सिखा जाता है
अपनों परायों की पहचान करा जाता है
दर्द अपने तक ही सीमित रखें
आज है कल नहीं
जूझते रहे
जिंदगी है तो दर्द भी है

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