मेरा देश मेरा गौरव
मेरी भाषा मेरी शान
मेरा परिवार मेरा आधार
मेरा समाज मेरा अभिमान
मेरा विश्व मेरी पहचान
मेरा ईश्वर मेरा सर्वस्व
जब कुछ मेरा
तब क्यों है दुर्भावना
सब सुखी रहे
संपन्न रहे
तभी तो जग भी शांत रहेगा
बारूद के ढेर पर खड़ा विश्व
कब तक जंग लड़ेगा
सब कुछ यही रह जाना है
खाली हाथ ही जाना है
तू तू मैं मैं कर
सबको छोड़ जाना है
प्रकृति कब करवट लेगी
उसका कहाँ ठिकाना है
रहना है तो रहे भाईचारे से
कुछ साथ न जाना है
सारा विश्व परिवार मेरा
यही भावना अपनाना है
नहीं चाहिए विनाश
करना है बस विकास
सबको साथ आना है
प्रेम का संदेश फैलाना है
स्वयं जीना है
औरों को भी जीने देना है
यही इंसानियत का तकाजा है
पहले है इंसान हम
मानव का नाता कायम करना है
सारा जग साथ आए
खुशहाल बने
समृद्धशाली हो
विश्वशांति हो
दुर्लभ है मानव जनम
उसे यू ही नहीं गंवाना है
आत्मा अजर अमर है
उसका उजाला फैलाना है
नहीं करना मानवता का अपमान
बस मानव बन कर रहना है
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Saturday, 15 September 2018
बस मानव बन कर रहना है
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