Saturday, 15 September 2018

बस मानव बन कर रहना है

मेरा देश मेरा गौरव
मेरी भाषा मेरी शान
मेरा परिवार मेरा आधार
मेरा समाज मेरा अभिमान
मेरा विश्व मेरी पहचान
मेरा ईश्वर मेरा सर्वस्व
जब कुछ मेरा
तब क्यों है दुर्भावना
सब सुखी रहे
संपन्न रहे
तभी तो जग भी शांत रहेगा
बारूद के ढेर पर खड़ा विश्व
कब तक जंग लड़ेगा
सब कुछ यही रह जाना है
खाली हाथ ही जाना है
तू तू  मैं मैं कर
सबको छोड़ जाना है
प्रकृति कब करवट लेगी
उसका कहाँ ठिकाना है
रहना है तो रहे भाईचारे से
कुछ साथ न जाना है
सारा विश्व परिवार मेरा
यही भावना अपनाना है
नहीं चाहिए विनाश
करना है बस विकास
सबको साथ आना है
प्रेम का संदेश फैलाना है
स्वयं जीना है
औरों को भी जीने देना है
यही इंसानियत का तकाजा है
पहले है इंसान हम
मानव का नाता कायम करना है
सारा जग साथ आए
खुशहाल बने
समृद्धशाली हो
विश्वशांति हो
दुर्लभ है मानव जनम
उसे यू ही नहीं गंवाना है
आत्मा अजर अमर है
उसका उजाला फैलाना है
नहीं करना मानवता का अपमान
बस मानव बन कर रहना है

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