यह मेरा कान्हा
मैं इसकी यशोदा मैया
नटखट पन है इसका भाता
इसकी बोली कानों मे रस घोलती
इसका श्याम वर्ण है इतना मनमोहक
सारे गौर वर्ण हो जाते फीके
इस पर न्योछावर सब कुछ
इसके इर्दगिर्द घूमती है दूनिया मेरी
मुझे नहीं किसी से वास्ता
बस मेरी दुनिया रहे मेरे आसपास
इसकी भूख मेरी भूख
इसकी हंसी मेरी हंसी
इसपर मैं वारी जाउ
मेरी गोदी का यह लाल
जीवन की आस
यह मिला तो मैं भी हुई
ममता से सराबोर
मेरी ममता को मिला सम्मान
बना मेरा जीवन आधार
अब यह और मैं
बस मां -बेटे के बीच न दूजा कोई
मेरा जीवन इस पर निर्भर
यह मेरी जीवनजोत
हर दम रहे तेज
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Friday, 7 September 2018
मेरा लल्ला सबसे न्यारा
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